भाग 5
जलप्रलय—किसने परमेश्वर की सुनी? और किसने नहीं?
नूह के दिनों में ज़्यादातर लोगों ने बुरे काम किए। उत्पत्ति 6:5
आदम-हव्वा के कई बच्चे हुए और धीरे-धीरे धरती पर बहुत-से इंसान हो गए। कुछ समय बाद, कुछ स्वर्गदूत भी शैतान के साथ मिल गए और परमेश्वर के खिलाफ हो गए।
वे धरती पर आए। उन्होंने इंसान का शरीर धारण किया और स्त्रियों से शादी कर ली। उन स्त्रियों के बच्चे आम बच्चों की तरह नहीं थे। वे जैसे-जैसे बड़े हुए, वैसे-वैसे बहुत भयानक और ताकतवर होते गए।
यह दुनिया बुरे लोगों से भर गयी। बाइबल कहती है: “मनुष्यों की बुराई पृथ्वी पर बढ़ गई है, और उनके मन के विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है सो निरन्तर बुरा ही होता है।”
उत्पत्ति 6:13, 14, 18, 19, 22
नूह ने परमेश्वर की बात सुनी और जहाज़ बनाया।उन दिनों एक इंसान बहुत नेक था। उसका नाम था नूह। यहोवा ने नूह से कहा कि वह जलप्रलय यानी बड़ी बाढ़ लाएगा और सभी दुष्टों का नाश कर देगा।
फिर उसने नूह से कहा कि वह एक बड़ा जहाज़ बनाए और उसमें अपने परिवार और हर तरह के जानवरों को ले जाए।
नूह ने सबको चेतावनी दी कि जलप्रलय आनेवाला है। मगर लोगों ने उसकी नहीं सुनी। कुछ लोग उसका मज़ाक उड़ाने लगे; कुछ उससे नफरत करने लगे।
जब जहाज़ बनकर तैयार हुआ तब नूह जानवरों को अंदर ले गया।