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बाइबल क्या कहती है?

परमेश्‍वर का स्वरूप

परमेश्‍वर का स्वरूप

परमेश्‍वर का शरीर कैसा है?

“परमेश्‍वर आत्मा है।”—यूहन्‍ना 4:24.

बाइबल क्या कहती है

बाइबल बताती है कि परमेश्‍वर आत्मिक प्राणी है। (2 कुरिंथियों 3:17) वह हमसे कहीं महान है। हम इंसानों का परमेश्‍वर को देखना नामुमकिन है। 1 तीमुथियुस 1:17 में लिखा है कि वह ‘युग-युग का राजा, अनश्‍वर, अदृश्‍य’ है। बाइबल यह भी कहती है: “किसी ने कभी-भी परमेश्‍वर को नहीं देखा है।”—1 यूहन्‍ना 4:12.

हमारा सृष्टिकर्ता इतना महान है कि हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि वह कैसा दिखता होगा। यशायाह 40:18 में लिखा है: “तुम ईश्‍वर को किस के समान बताओगे और उसकी उपमा किस से दोगे?” हालाँकि परमेश्‍वर की बनायी शानदार सृष्टि देखकर हम विस्मय से भर जाते हैं लेकिन सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर सृष्टि से भी कहीं बढ़कर है।—यशायाह 40:22, 26.

मगर ऐसे कई बुद्धिमान प्राणी हैं जो परमेश्‍वर को देख सकते हैं और उससे बात कर सकते हैं। वह कैसे? क्योंकि वे भी आत्मिक प्राणी हैं और स्वर्ग में रहते हैं। (1 राजा 22:21; इब्रानियों 1:7) उन्हें स्वर्गदूत कहा जाता है। यीशु मसीह ने बताया: “स्वर्गदूत हमेशा मेरे स्वर्गीय पिता के मुख के सामने रहते हैं।”—मत्ती 18:10.

क्या परमेश्‍वर हर जगह मौजूद है?

“तुम इस तरह प्रार्थना करना: ‘हे हमारे पिता तू जो स्वर्ग में है।’”मत्ती 6:9.

बाइबल क्या कहती है

बाइबल यह नहीं सिखाती कि परमेश्‍वर कण-कण में मौजूद है या वह कोई निराकार शक्‍ति है। बल्कि मत्ती 6:9 और मत्ती 18:10 में कहे यीशु के शब्द दिखाते हैं कि परमेश्‍वर एक असल शख्स है, एक “पिता” है जो स्वर्ग या “स्वर्गीय निवासस्थान” में रहता है।—1 राजा 8:43.

यीशु ने धरती पर अपनी ज़िंदगी के आखिरी दिनों में कहा: “मैं दुनिया को छोड़कर पिता के पास जा रहा हूँ।” (यूहन्‍ना 16:28) मरने के कुछ समय बाद, जब यीशु को आत्मिक शरीर में ज़िंदा किया गया, तब वह “स्वर्ग ही में दाखिल हुआ ताकि . . .  परमेश्‍वर के सामने हाज़िर हो।”—इब्रानियों 9:24.

परमेश्‍वर की ये बातें हमारे लिए क्या मायने रखती हैं? ये बातें दिखाती हैं कि परमेश्‍वर एक असल शख्स है। हम उसे जान सकते हैं और उसके करीब आ सकते हैं। (याकूब 4:8) इसके अलावा, परमेश्‍वर के बारे में सच्चाई जानकर, हम झूठी उपासना से दूर रह सकते हैं और मूर्तिपूजा में पड़ने से बच सकते हैं। जैसा 1 यूहन्‍ना 5:21 में बताया गया है कि “प्यारे बच्चो, खुद को मूरतों से बचाए रखो।”

परमेश्‍वर ने इंसान को अपने स्वरूप में बनाया, इसका क्या मतलब है?

“परमेश्‍वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्‍न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्‍वर ने उसको उत्पन्‍न किया, नर और नारी करके उस ने मनुष्यों की सृष्टि की।”उत्पत्ति 1:27.

बाइबल क्या कहती है

परमेश्‍वर ने इंसानों को अपने स्वरूप में बनाया, इसका मतलब है कि इंसानों को परमेश्‍वर ने उन गुणों के साथ बनाया जो खुद उसमें हैं। यही वजह है कि इंसानों में परमेश्‍वर के जैसे गुण दिखाने की काबिलीयत है, जैसे प्यार, न्याय और बुद्धि। बाइबल बढ़ावा देती है: “परमेश्‍वर के प्यारे बच्चों की तरह उसकी मिसाल पर चलो, और प्यार की राह पर चलते रहो।”—इफिसियों 5:1, 2

परमेश्‍वर ने हमें अपने फैसले खुद लेने की आज़ादी दी है। हम सही और गलत के बीच चुनाव कर सकते हैं और अलग-अलग तरीकों से प्यार ज़ाहिर कर सकते हैं। (1 कुरिंथियों 13:4-7) हम नयी-नयी चीज़ें बनाने और खूबसूरत नज़ारों का मज़ा लेने की काबिलियत रखते हैं, परमेश्‍वर की बनायी इस अनोखी दुनिया को देखकर हमारा दिल विस्मय और श्रृद्धा से भर जाता है। सबसे बढ़कर, हमारे अंदर आध्यात्मिक भूख यानी परमेश्‍वर और उसकी मरज़ी को जानने की ख्वाहिश है जो परमेश्‍वर की तरफ से एक तोहफा है।—मत्ती 5:3.

यह जानने से आपको क्या फायदा होगा। जब हम यहोवा के बारे में सीखकर उसकी मिसाल पर चलते हैं, तब हम ऐसी ज़िंदगी जीते हैं जिससे परमेश्‍वर खुश होता है। (यशायाह 48:17, 18) यहोवा जानता है कि ऐसे मनभावने गुण इंसानों के दिलों को छू जाते हैं और उन्हें उसके करीब लाते हैं। इससे उन्हें हमेशा की ज़िंदगी की आशा भी मिलती है।—यूहन्‍ना 6:44; 17:3. ◼ (g13-E 05)