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जवानी से ही अपने सृष्टिकर्ता को याद करना

जवानी से ही अपने सृष्टिकर्ता को याद करना

जीवन कहानी

जवानी से ही अपने सृष्टिकर्ता को याद करना

डेविड ज़ॆड. हिबश्‍मॆन की ज़ुबानी

“अगर मेरी मौत दस्तक दे रही है, तो मैं यही चाहती हूँ कि मैं मरते दम तक यहोवा की वफादार रहूँ। और यहोवा से मेरी यह दुआ है कि वह मेरे डेविड का पूरा ख्याल रखे। हे यहोवा परमेश्‍वर आपने मुझे डेविड जैसा जीवन-साथी दिया इसके लिए आपका बहुत, बहुत शुक्रिया! उसके साथ बिताया हुआ मेरा हर पल सुनहरा और खुशियों भरा था।”

मार्च, 1992 में मैंने अपनी पत्नी को दफनाया। उसके बाद जब मुझे उसकी डायरी में ऊपर लिखे उसके ये आखिरी शब्द मिले, तो आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि उस वक्‍त मेरे दिल पर क्या गुज़री होगी। बस पाँच ही महीने हुए थे जब हमने हैलॆन की पूरे समय की सेवकाई की 60वीं सालगिरह मनायी थी।

सन्‌ 1931 में ओहायो, अमरीका के कॉलॆम्बस शहर में हुए अधिवेशन का वो दिन मुझे अच्छी तरह याद है जब मैं और हैलॆन साथ-साथ बैठे थे। हैलॆन उस समय 14 बरस की भी नहीं थी, मगर वह मुझसे भी ज़्यादा उस अधिवेशन का महत्त्व समझती थी। सेवकाई के लिए उसका जोश जल्द ही दिखा जब उसने और उसकी विधवा माँ ने पूरे समय का प्रचार काम शुरू किया यानी वे पायनियर बन गयीं। हैलॆन और उसकी माँ ने दक्षिण अमरीका के देहाती इलाकों में प्रचार करने के लिए अपना अच्छा-खासा घर छोड़ दिया था।

मेरी मसीही विरासत

सन्‌ 1910 में मेरे माता-पिता अपने दो छोटे बच्चों के साथ पूर्वी पेंसीलवेनिया से उसी राज्य के पश्‍चिम तरफ के ग्रोव शहर आकर बस गए। वहाँ उन्होंने एक साधारण-सा घर खरीदा और रिफॉर्मड चर्च के जोशीले सदस्य बन गए। इसके कुछ ही समय बाद उनकी मुलाकात विलियम ईवैन्स से हुई। वह एक बाइबल स्टूडॆन्ट था जैसे यहोवा के साक्षियों को उस समय कहा जाता था। उस समय पिताजी की उम्र करीब 25 बरस थी और माँ की करीब 20 बरस। पिताजी ने वेल्ज़ के रहनेवाले इस दोस्ताने विलियम की बातें सुनी और उसे खाने पर बुलाया। जल्द ही मम्मी-पापा ने बाइबल सच्चाई को स्वीकार कर लिया।

पिताजी पूरे परिवार के साथ 40 किलोमीटर दूर शॆरोन शहर में आकर बस गए क्योंकि वे कलीसिया के नज़दीक रहना चाहते थे। कुछ महीनों बाद, सन्‌ 1911 या 1912 में मम्मी और पापा ने बपतिस्मा लिया। उनके बपतिस्मे का भाषण वॉच टावर संस्था के पहले प्रॆसिडेंट, चार्ल्स टेज़ रसल ने दिया था। मेरा जन्म दिसंबर 4, 1916 में हुआ और मुझसे बड़े चार भाई-बहन थे। मेरे जन्म के वक्‍त यह कहा गया था: “प्रेम करने के लिए एक और भाई।” इसीलिए मेरा नाम डेविड रखा गया जिसका मतलब है “अज़ीज़।”

जब मैं सिर्फ चार हफ्ते का था, तब मुझे पहली बार अधिवेशन ले जाया गया। उन दिनों पिताजी और मेरे बड़े भाइयों को सभाओं में हाज़िर होने के लिए कई किलोमीटर चलना पड़ता था। मेरी माँ मुझे और मेरी बड़ी बहन को ट्रैम में ले जाया करती थी। सुबह और दोपहर, दोनों वक्‍त सभाएँ होती थीं। और घर में अकसर द वॉचटावर और द गोल्डन एज पर ही चर्चा होती थी। द गोल्डन एज आज सजग होइए! कहा जाता है।

बढ़िया मिसालों से सीखना

कई पिलग्रिम्स, जिन्हें आज ट्रैवलिंग स्पीकर्स या सफरी वक्‍ता कहा जाता है, हमारी कलीसिया में भेंट करने आते थे। आमतौर पर वे हमारे साथ एक-दो दिन बिताते थे। उनमें से एक खास वक्‍ता की छाप मेरे मन में पड़ गयी थी और वह था वॉल्टर जे. थॉर्न जिसने अपने महान सृष्टिकर्ता को “अपनी जवानी के दिनों” से ही याद रखा था। (सभोपदेशक 12:1) जब मैं छोटा था, तब मैं अपने पापा के साथ “फोटो-ड्रामा ऑफ क्रिएशन” दिखाने के लिए जाया करता था। मानवजाति के इतिहास पर बने इस चार भाग के ड्रामे को चलचित्र और स्लाइड के द्वारा परदे पर दिखाया जाता था और साथ ही रिकार्ड किया हुआ भाषण सुनाया जाता था।

हालाँकि भाई ईवैन्स और उसकी पत्नी मिरीयम का कोई बच्चा नहीं था, मगर वे हमारे परिवार के लिए आध्यात्मिक माँ-बाप और दादा-दादी बन गए थे। भाई ईवैन्स पिताजी को हमेशा “बेटा” पुकारते थे और उसने और मिरीयम ने हमारे परिवार में प्रचार करने का जोश पैदा किया। 20वीं सदी के शुरुआती सालों में, भाई ईवैन्स अकसर वेल्ज़ जाता और स्वॉन्ज़ी शहर के आस-पास के इलाकों में लोगों को बाइबल सच्चाई बताता था। वहाँ के लोग उसे ‘अमरीका का प्रचारक’ के नाम से जानते थे।

सन्‌ 1928 में, भाई ईवैन्स ने अपनी नौकरी छोड़ दी और पश्‍चिम वर्जिनिया की पहाड़ियों पर प्रचार का काम शुरू किया। मेरे दो बड़े भाई, 21 साल का क्लैरॆन्स और 19 साल का कार्ल उसके साथ गए। हम चारों भाइयों ने कई सालों तक पूरे समय की सेवकाई की। दरअसल, हम सबने अपनी जवानी में सफरी ओवरसियरों के तौर पर सेवा किया है। कुछ समय पहले, माँ की सबसे छोटी बहन, मैरी ने, जो अब 90 पार कर चुकी है, मुझे लिखा: “हम कितने आभारी हैं कि भाई ईवैन्स को सेवकाई के लिए इतना जोश था और वह हमारे ग्रोव शहर आए!” आंटी मैरी भी ऐसी प्रचारक थी जिसने अपनी जवानी से ही अपने सृष्टिकर्ता को याद रखा था।

अधिवेशनों में हाज़िर होना

सिर्फ पिताजी और क्लैरॆन्स ही 1922 में ओहायो के सीडर पॉइन्ट शहर में हुए ऐतिहासिक अधिवेशन में हाज़िर हो पाए। मगर, सन्‌ 1924 तक हमने एक गाड़ी ले ली थी इसलिए उस समय हमारा पूरा परिवार अधिवेशन में हाज़िर हुआ जो ओहायो के कॉलॆम्बस शहर में था। हम बच्चों से यही उम्मीद की जाती थी कि हम पैसों की बचत करें और उससे आठ दिन के अधिवेशन के दौरान अपने खाने-पीने का खर्चा खुद उठाएँ। मेरे मम्मी-पापा का यही नज़रिया था कि परिवार के हर सदस्य को अपने पैरों पर खड़ा होना सीखना चाहिए। इसलिए हमने मुर्गियाँ और खरगोश और मधुमक्खियाँ भी पालीं। हम लड़के पैसे कमाने के लिए अखबार भी बाँटा करते थे।

सन्‌ 1927 में जब कनाडा के टोरोन्टो शहर में अधिवेशन होनेवाला था, तब हमारा भाई पॉल बस छः महीने का था। पॉल की देखभाल करने के लिए मुझे घर पर छोड़ा गया और आंटी मैरी ने इसमें मेरी मदद की जो शादीशुदा थी। मेरे बाकी भाई-बहनों के साथ मम्मी-पापा टोरोन्टो चले गए। इस काम के लिए मुझे इनाम के तौर पर 10 डॉलर मिले जिनसे मैंने अपने लिए एक नया सूट खरीदा। सभाओं के लिए अच्छे कपड़े पहनकर जाने और अपने कपड़ों की अच्छी देखभाल करने की आदत हममें डाली गयी थी।

सन्‌ 1931 में ओहायो के कॉलॆम्बस शहर में हुए उस शानदार अधिवेशन के समय तक क्लैरॆन्स और कार्ल दोनों की शादी हो चुकी थी। और वे अपनी-अपनी पत्नियों के साथ पायनियरिंग कर रहे थे। उन दोनों ने एक गाड़ी भी खरीदी थी जिसमें उन्होंने खुद अपने हाथ से एक घर बनाया। इसमें वे रहते थे और सफर भी करते थे। कार्ल ने पश्‍चिम वर्जिनिया के वीलिंग शहर की क्लैर हूस्टन से शादी की थी और इसीलिए जब मैं कॉलॆम्बस के अधिवेशन में गया तो मैं क्लैर की छोटी बहन हैलॆन के पास बैठा था।

पूरे समय की सेवकाई

मैं सन्‌ 1932 में 15 साल की उम्र में हाई स्कूल से स्नातक हुआ और उसके अगले साल मैंने दक्षिण कैरोलाइना में पायनियरिंग कर रहे अपने भाई क्लैरॆन्स को एक सेकॆन्ड-हैन्ड कार दी। मैंने भी पायनियरिंग के लिए अर्ज़ी दे दी और क्लैरॆन्स और भाभी के साथ प्रचार काम करने लगा। हैलॆन उस समय कॆनटुकी के हॉपकिन्सविल शहर में पायनियरिंग कर रही थी। तब मैंने उसे पहली बार खत लिखा था। जवाब में उसने मुझसे पूछा: “क्या आप एक पायनियर हैं?”

खत में मैंने यह जवाब दिया: “जी हाँ, मैं एक पायनियर हूँ और उम्मीद करता हूँ कि हमेशा पायनियर ही बना रहूँ।” उस खत को हैलॆन ने 60 साल बाद भी, संजोए रखा। उस खत में मैंने हैलॆन को अपने प्रचार के काम में पादरियों और न्यायिक अधिकारियों को द किंगडम, द होप ऑफ द वर्ल्ड पुस्तिका देने के बारे में बताया था।

सन्‌ 1933 में, पापा ने मेरे लिए गाड़ी पर एक तम्बू बनाकर दिया। यह ट्रेलर 2.4 मीटर लंबा और 2 मीटर चौड़ा था। इसकी चारों दीवारें कैनवस से बनी थीं जिन्हें चारों तरफ लगाए गए पतले खम्भों पर ताना गया था। इसके सामने और पीछे खिड़कियाँ भी थीं। यह अगले चार सालों की पायनियरिंग के दौरान मेरा साधारण-सा घर था।

मार्च 1934 को हम आठ लोग, क्लैरॆन्स और कार्ल, मेरी दो भाभियाँ, हैलॆन और उसकी माँ, क्लैरॆन्स की छोटी साली और मैं, कैलिफॉर्निया के लॉस ऐंजेल्स शहर के अधिवेशन में हाज़िर होने के लिए पश्‍चिम की तरफ रवाना हुए। कुछ लोगों ने मेरे ट्रेलर में सफर किया और उसमें सोए भी। मैं कार में सोया और बाकी के लोग होटलों में ठहरे। कार में कुछ गड़बड़ी हो गई थी इसलिए हम लॉस ऐंजेल्स में छः दिन के अधिवेशन के दूसरे दिन ही पहुँच पाए। वहाँ मार्च 26 को, आखिरकार हैलॆन और मैंने पानी में बपतिस्मा लेने के द्वारा यहोवा के प्रति अपने समर्पण को ज़ाहिर किया।

अधिवेशन में, वॉच टावर सोसाइटी के उस समय के प्रॆसिडेंट, जोसॆफ एफ. रदरफर्ड खुद आकर सभी पायनियरों से मिले। उसने यह कहकर हमारा हौसला बढ़ाया कि हम सब बाइबल सच्चाई के बहादुर लड़ाके हैं। उस अधिवेशन में यह इंतज़ाम किया गया कि पायनियरों को थोड़ा-बहुत खर्चा-पानी दिया जाए ताकि वे सेवकाई में लगे रह सकें।

ज़िंदगी में काम आनेवाली शिक्षा

जब हम लॉस ऐंजेल्स के अधिवेशन से लौटे, तब हम सबने दक्षिण कैरोलाइना, वर्जिनिया, पश्‍चिम वर्जिनिया और कॆनटुकी के प्रांतों के लोगों को राज्य संदेश सुनाया। इस समय के बारे में कई साल बाद हैलॆन ने लिखा: “उस समय सहारे के लिए कोई भी कलीसिया नहीं थी, ना ही मदद के लिए कोई दोस्त, क्योंकि हम ऐसी जगहों में सेवा कर रहे थे जहाँ सभी हमारे लिए अजनबी थे। मगर मुझे मालूम था कि मैं कुछ सीख रही हूँ। मैं आध्यात्मिक अर्थ में अमीर होती जा रही हूँ।”

उसने यह भी लिखा: “भला एक लड़की अपने सहेलियों और घर-बार से दूर अपना समय कैसे गुज़ार सकती है? दूसरी लड़कियों के लिए शायद यह मुश्‍किल हो मगर मेरे लिए इतना मुश्‍किल नहीं था। मैं तो कभी बोर नहीं हुई क्योंकि मेरा काफी समय पढ़ने में चला जाता था। हम हमेशा बाइबल की किताबें पढ़ते और अध्ययन करते थे। मैं माँ के साथ ही रहती थी और जितना भी पैसा था, उसी में गुज़ारा करना, चीज़ें खरीदना, गाड़ी पंक्चर होने पर उसे ठीक करना, खाना पकाना, सिलाई-बुनाई करना और प्रचार करना सीखा। मुझे कोई अफसोस नहीं है और अगर कोई मुझे फिर से यही सब करने के लिए कहे तो मैं खुशी-खुशी करूँगी।”

हैलॆन की माँ के पास एक अच्छा-खासा घर होने के बावजूद, वह और हैलॆन एक छोटे-से ट्रेलर में गुज़र-बसर करने में खुश थीं। सन्‌ 1937 में ओहायो के कॉलॆम्बस शहर में हुए अधिवेशन के बाद, हैलॆन की माँ की तबियत बहुत खराब होने लगी और उसे अस्पताल में दाखिल करना पड़ा। उसने नवंबर 1937 में पश्‍चिम वर्जिनिया के फिलिप्पी शहर में अपना दम तोड़ दिया। वह मरते दम तक एक पायनियर थी।

शादी और उसके बाद सेवा में लगे रहना

पश्‍चिम वर्जिनिया के वीलिंग शहर के पास एल्म ग्रोव नाम का शहर है। उसी शहर में हैलॆन का जन्म हुआ था। हैलॆन और मैंने उसी के घर में जून 10, 1938 के दिन छोटा-सी पार्टी रखी और विवाह किया। हमारे विवाह का भाषण हमारे अज़ीज़ भाई ईवैन्स ने दिया जिन्होंने मेरे जन्म से भी कई साल पहले हमारे परिवार को सच्चाई दी थी। विवाह के बाद, हैलॆन और मैंने पूर्व के कॆनटुकी में पायनियर कार्य को लौटने की योजना बनायी, मगर हमें आश्‍चर्य भी हुआ और खुशी भी जब हमें ज़ोन के काम के लिए बुलाया गया। इस काम में हमें पश्‍चिम कॆनटुकी और टॆनॆसे के कुछ इलाकों में रहनेवाले यहोवा के साक्षियों से मिलना था और सेवकाई में उनकी मदद करनी थी। इन सभी जगहों में कुल मिलाकर लगभग 75 राज्य प्रकाशक ही थे।

उस समय, कई लोगों के सिर पर राष्ट्रीयता का जुनून सवार था और मैंने सोचा कि अपनी मसीही तटस्थता की वज़ह से मुझे जल्द ही कैद कर दिया जाएगा। (यशायाह 2:4) मगर ड्राफ्ट बोर्ड ने मेरी सालों के प्रचार काम का रिकार्ड देखकर मुझे पूरे समय की सेवकाई जारी रखने की अनुमति दे दी।

जब हमने अपनी सफरी सेवा शुरू की थी, तब हम काफी जवान थे इसलिए लगभग हर व्यक्‍ति यह देखकर हैरान रह जाता था कि छोटी-सी उम्र में हम कितनी बड़ी ज़िम्मेदारी सँभाल रहे हैं। एक बार कॆनटुकी के हॉपकिन्सविल शहर में एक मसीही बहन ने हैलॆन को कसके गले लगाया और पूछा: “पहचाना मुझे?” सन्‌ 1933 में हैलॆन ने इस बहन को गाँव के एक दुकान पर साक्षी दी थी, जहाँ पर उसका पति बैठता था। वह सन्डे-स्कूल की टीचर थी मगर हैलॆन की दी हुई किताब पढ़ने के बाद उसने अपनी क्लास से यह कहकर माफी माँगी कि वह अब तक उन्हें बाइबल की शिक्षाओं के बजाय गलत बातें सिखा रही थी। उसने चर्च छोड़ दिया और अपने बिरादरी के लोगों को बाइबल की सच्चाइयाँ सुनानी शुरू की। हैलॆन और मैंने तीन साल तक पश्‍चिमी कॆनटुकी में काम किया और उस दरमियान हम अकसर उस बहन और उसके पति के घर पर रहा करते थे।

उन दिनों हमारे शहर में छोटे-छोटे सम्मेलन हुआ करते थे और एक बार ऐसे एक सम्मेलन में ए. एच. मैकमिलन आया। जब हैलॆन छोटी थी तब भाई मैकमिलन उसके मम्मी-पापा के घर ठहरा था। सो अधिवेशन के दौरान उसने हमारे साथ हमारे पाँच मीटर लंबे मोबाइल घर पर रहना पसंद किया। हमारे इस मोबाइल घर में एक बिस्तर हमेशा खाली रहता था। मैकमिलन भी ऐसे भाई थे जिन्होंने अपने महान सृष्टिकर्ता को जवानी के दिनों से ही याद रखा था। सन्‌ 1900 में, 23 बरस की उम्र में ही उसने यहोवा को अपना जीवन समर्पित कर दिया था।

नवंबर 1941 में सफरी काम को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया और इसलिए मुझे कैनटुकी के हैज़र्ड शहर में पायनियर के तौर पर भेजा गया। एक बार फिर हमने मेरे भाई कार्ल और भाभी क्लैर के साथ काम किया। यहाँ पर हैलॆन का भतीजा, जोसॆफ हूस्टन हमारे साथ हो लिया और उसने पायनियरिंग करना शुरू किया। लगभग 50 सालों तक वह पूरे समय की सेवकाई में लगा रहा। सन्‌ 1992 में उसे अचानक ही दिल का दौरा पड़ा और उसने दम तोड़ दिया। वह न्यू यॉर्क के ब्रुकलिन शहर में यहोवा के साक्षियों के विश्‍व मुख्यालय में अपने आखिर साँस तक वफादारी से सेवा करता रहा।

सन्‌ 1943 में, हमें कनॆटिकट के रॉकविल शहर में सेवा करने के लिए भेजा गया। चूँकि हैलॆन और मैं पहले दक्षिण में प्रचार करने के आदी थे, इसलिए यह शहर हमारे लिए मानो एक नया जहाँ था। रॉकविल में, हैलॆन ने हर हफ्ते लोगों के घर पर नियमित रूप से 20 से ज़्यादा बाइबल अध्ययन चलाए। आखिर में, हमने किंगडम हॉल के लिए एक छोटा-सा कमरा किराए पर लिया और छोटी-सी कलीसिया के लिए नींव डाली।

रॉकविल में सेवा करते वक्‍त हमें न्यू यॉर्क के दक्षिण लैंसिंग शहर के वॉचटावर बाइबल स्कूल ऑफ गिलियड की पाँचवी कक्षा में हाज़िर होने के लिए बुलाया गया। जब हमें पता चला कि हमारे पुराने दोस्त ओब्री और बरथा बिवन्स भी इसी कक्षा में हमारे साथ होंगे तो हमें बड़ी खुशी हुई। कॆनटुकी में हमने साथ-साथ पायनियरिंग की थी।

स्कूल और हमारा नया काम

हालाँकि हम बहुत बूढ़े तो नहीं हुए थे मगर हमारी कक्षा के दूसरे भाई-बहन हमसे काफी छोटे थे। जी हाँ, वे सब अपनी भरी जवानी में अपने महान सृष्टिकर्ता को याद कर रहे थे। हमारा ग्रैजुएशन जुलाई 1945 को होनेवाला था। और यह वह समय था जब दूसरा विश्‍वयुद्ध खत्म होने ही वाला था। अपने-अपने मिशनरी काम के लिए इंतज़ार करते वक्‍त हमने न्यू यॉर्क के ब्रुकलिन शहर के फ्लैटबुश कलीसिया के साथ काम किया। आखिरकार सन्‌ 1946, अक्‍तूबर 21 के दिन छः दूसरे विद्यार्थियों के साथ, जिनमें बिवन्स दंपति भी शामिल था, हम गुआटेमाला के गुआटेमाला शहर में अपने नए घर हवाई जहाज़ से गए। उस समय, पूरे केंद्रीय अमरीका में 50 से भी कम यहोवा के साक्षी थे।

अप्रैल 1949 में, हममें से कुछ मिशनरियों को कॆटसालटनेंगों शहर भेजा गया। आकार और महत्त्व के मायने में यह शहर पूरे देश में दूसरे नंबर पर था। यह शहर समुद्र-तल से 2,300 मीटर से भी ऊँचे स्थान पर है और वहाँ की पहाड़ी हवा बहुत ही ताज़ा और शुद्ध है। हमने यहाँ जो काम किया उसके बारे में हैलॆन ने संक्षिप्त में यह लिखा: “यहाँ के बहुत से गाँवों और शहरों में प्रचार करना हमारे लिए एक सम्मान की बात थी। हम सुबह के लगभग चार बजे उठते और दूर-दूर के शहरों तक पहुँचने के लिए बस पकड़ते (इन बसों में खिड़कियों के बजाय अकसर कैनवस से बने परदे हुआ करते थे जिन्हें खोला और बंद किया जा सकता था)। हम वहाँ तकरीबन आठ घंटे प्रचार करते और फिर शाम को घर लौट आते।” आज उनमें से कई इलाकों में कई कलीसियाएँ हैं और कॆटसालटनेंगों शहर में तो छः कलीसियाएँ हैं!

जल्द ही केरिबियन तट के प्वर्टो बारीओस शहर में काम करने के लिए मिशनरियों को बुलाया गया। यह शहर गुआटेमाला का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। जिन लोगों को इस नयी जगह में प्रचार करने के लिए भेजा गया, उनमें हमारे अज़ीज़ साथी, बिवॆन्स दंपति भी थे। इनके साथ गुआटेमाला में हमने पाँच साल प्रचार का काम किया था। उनके जाने से दिल बहुत ही उदास हो गया था और इस जुदाई के गम ने हमारी ज़िंदगी में एक खालीपन ला दिया। अब इस मिशनरी होम में बस मैं और हैलॆन रह गए थे, इसलिए हम इसे छोड़कर एक छोटे घर में रहने चले गए। सन्‌ 1955 में हैलॆन और मुझे माज़ातेनान्गो शहर में प्रचार करने के लिए कहा गया तो हम वहाँ चले गए। वहाँ काफी गर्मी पड़ती थी। और वहाँ हमसे पहले, मेरा सबसे छोटा भाई पॉल और उसकी पत्नी डलोरस ने प्रचार का काम किया था। वे 1953 में गिलियड से ग्रैजुएट हुए थे।

सन्‌ 1958 तक गुआटेमाला के तीन सर्किट में 700 से ज़्यादा साक्षी और 20 कलीसियाएँ हो गईं। एक बार फिर हैलॆन और मैं सफरी काम में लग गए और साक्षियों के छोटे-छोटे समूहों से मिलने लगे। हम कई कलीसियाओं में जाते, जिनमें क्वॆटझाल्टेनान्गो शहर की कलीसिया भी शामिल है। फिर 1959 के अगस्त महीने में हमें वापस गुआटेमाला शहर जाने को कहा गया। वहाँ हम ब्रांच ऑफिस में रहे। मुझे ब्रांच में काम करने को कहा गया जबकि हैलॆन और 16 सालों के लिए मिशनरी सेवा में लगी रही। इसके बाद उसे भी ब्रांच ऑफिस में काम करने के लिए बुलाया गया।

आशीषों की बौछार

सालों पहले, यहोवा की सेवा करनेवालों के समूह में, मैं ही हमेशा सबसे छोटा और जवान हुआ करता था। मगर अब अकसर मैं ही सबसे बूढ़ा होता हूँ। सन्‌ 1996 में पैटरसन, न्यू यॉर्क के ब्रांच स्कूल में जब मैं हाज़िर हुआ तो मैं ही सबसे बूढ़ा था। जिस तरह मुझे अपनी जवानी में अपने से बड़े-बुज़ुर्गों से काफी मदद मिली, उसी तरह हाल के सालों में उन कई जवानों की मदद करने का सुअवसर मुझे मिला है जो भरी जवानी में अपने सृष्टिकर्ता को याद रखना चाहते हैं।

यहाँ गुआटेमाला में यहोवा अपने लोगों पर आशीषों की बौछार करता आया है। 1999 में गुआटेमाला शहर में 60 से ज़्यादा कलीसियाएँ थीं। और चारों तरफ, पूरब-पश्‍चिम, उत्तर-दक्षिण में और भी कई कलीसियाएँ हैं और परमेश्‍वर के राज्य का सुसमाचार सुनानेवाले हज़ारों प्रकाशक हैं। लगभग 53 साल पहले जब हम यहाँ पहली बार आए थे तब यहाँ 50 से भी कम राज्य प्रकाशक थे। मगर अब यह संख्या बढ़कर 19,000 से भी कहीं ज़्यादा हो गयी है!

एहसानमंद होने के बहुत-से कारण हैं

ज़िंदगी में दुःख-तकलीफें तो हर किसी को उठानी पड़ती हैं, मगर “अपना बोझ” हम हमेशा “यहोवा पर डाल” सकते हैं। (भजन 55:22) वह अज़ीज़ दोस्तों के ज़रिए अकसर हमें सहारा देता है और सँभालता है। मसलन, मरने से कुछ साल पहले, हैलॆन ने मुझे एक छोटा-सा फ्रेम दिया था, जिस पर इब्रानियों 6:10 का यह बाइबल वचन लिखा हुआ था: “परमेश्‍वर इतना अन्यायी नहीं कि वह तुम्हारी मेहनत और उस प्रेम को नज़रअंदाज़ कर दे, जो तुम ने उसके लिये इस रीति से दिखाया कि उसके लोगों की सेवा की और अब भी कर रहे हो।”—वेमाउथ।

इसके साथ उसने एक नोट भी लिखा था जिसका कुछ अंश यूँ है: “मेरे प्यारे हमसफर, आप पर अपना सारा प्यार न्यौछावर करती हूँ इससे बढ़कर मैं आपको दे भी क्या सकती हूँ . . . यह वचन आपके लिए बिलकुल सही है। मैं चाहती हूँ कि आप इसे अपनी मेज़ पर रखें, बस इसलिए नहीं कि मैंने इसे आपको दिया है बल्कि इसलिए कि यह वचन सेवा में आपने जितने साल बिताए हैं, उस पर लागू होता है।” आज तक, वह फ्रेम गुआटेमाला ब्रांच में मेरी ऑफिस की मेज़ पर रखी हुई है।

मैंने जवानी से ही यहोवा की सेवा की है और अब इस ढलती उम्र में, मैं यहोवा को धन्यवाद देता हूँ कि उसने मुझे अच्छी सेहत दी है कि मैं आज भी अपने सभी काम खुद कर सकता हूँ। मैं रोज़ जब बाइबल पढ़ता हूँ तो अकसर मेरा ध्यान कुछ ऐसे वचनों पर जाता है जिन्हें पढ़कर मैं सोचता हूँ कि अगर हैलॆन होती तो वहाँ पर वह ज़रूर निशान लगाती। जैसे कि, जब-जब मैंने भजन 48:14 को पढ़ा तब-तब यह बात मेरे दिमाग में आयी, वहाँ लिखा है: “यह परमेश्‍वर सदा सर्वदा हमारा परमेश्‍वर है, वह मृत्यु तक हमारी अगुवाई करेगा।”

नयी दुनिया में जब सभी जातियों के लोग अपने-अपने मरे हुए अज़ीज़ों को फिर से देखेंगे और उनसे गले मिलकर उनका स्वागत करेंगे तो वह नज़ारा कितना प्यारा होगा! पुनरुत्थान की इस आशा के बारे में दूसरों को बताना मुझे बहुत अच्छा लगाता है और खुशी होती है। क्या ही बढ़िया आशा! उस समय यह बात हम फिर से याद करेंगे कि यहोवा वाकई ऐसा परमेश्‍वर है जो ‘दीनों को शान्ति देता’ है और तब खुशी से हमारे आँसू झलक पड़ेंगे!—2 कुरिन्थियों 7:6.

[पेज 25 पर तसवीर]

ऊपर बाँयी तरफ से: मम्मी, डैडी, आंटी ईवा, भाई कार्ल और क्लैरॆन्स, 1910

[पेज 26 पर तसवीरें]

हैलॆन और मैं, 1947 और 1992 में