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परमेश्‍वर की संतान कैसे बनें?

परमेश्‍वर की संतान कैसे बनें?

परमेश्‍वर की संतान कैसे बनें?

बात तब की है जब कोरियाई युद्ध चल रहा था। उस वक्‍त हज़ारों लोग अपने परिवार से बिछड़ गए। इसके करीब 30 साल बाद, ‘कोरियन प्रसारण केंद्र’ ने एक कार्यक्रम चलाया, ताकि उन लोगों को ढूँढ़ा जा सके, जो अपने परिवार से बिछड़ गए थे। इस कार्यक्रम की बदौलत ग्यारह हज़ार से भी ज़्यादा लोग अपने अज़ीज़ों से दोबारा मिल सके। अपने अज़ीज़ों से मिलने पर वे एक-दूसरे के गले लिपट गए और आँसू थे कि रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। इस बारे में कोरिया टाइम्स अखबार कहता है, “कोरिया के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि पूरे देश ने एक-साथ और एक ही समय पर खुशी के आँसू बहाए हैं।”

ब्राज़ील में, जब सेज़ार एक बच्चा ही था, तब उसके पिता ने अपना कर्ज़ उतारने के लिए उसे एक अमीर परिवार को दे दिया। इसके करीब दस साल बाद, जब सेज़ार की मुलाकात अपनी सगी माँ से हुई, तो वह गद्‌गद्‌ हो उठा। और उसके साथ रहने के लिए उसने अपने उन अमीर माँ-बाप को छोड़ दिया, जिन्होंने उसे पाला था।

जब परिवार के सदस्य एक-दूसरे से बिछड़ जाते हैं, तो दोबारा मिलने पर उन्हें कितनी खुशी मिलती है! पूरी मानवजाति के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है। बाइबल बताती है कि वे अपने परिवार यानी परमेश्‍वर के परिवार से बिछड़ गए थे। वह यह भी बताती है कि इंसान को दोबारा अपने परिवार से मिलाया जा रहा है। इंसान परमेश्‍वर के परिवार से कैसे बिछड़ गए? और आप उस परिवार से दोबारा एक होने की खुशी कैसे पा सकते हैं?

इंसान कैसे अपने परिवार से बिछड़ गया

बाइबल में एक भजन के लिखनेवाले ने सिरजनहार, यहोवा के बारे में कहा, “जीवन का सोता तेरे ही पास है।” (भजन 36:9) यहोवा, पूरे विश्‍व में मौजूद वफादार और बुद्धिमान प्राणियों का पिता है। उसके परिवार के दो हिस्से हैं। एक स्वर्ग में और एक धरती पर। स्वर्ग में, उसका परिवार स्वर्गदूतों से बना है, जो उसके आत्मिक बेटे हैं। जबकि धरती पर उसका परिवार इंसानों से बना है, जो आगे चलकर उसकी संतान बनेंगे।

पिछले लेख में हमने देखा कि परमेश्‍वर के पहले इंसानी बेटे, आदम ने बगावत की। इससे पूरी मानवजाति अपने सिरजनहार और प्यार करनेवाले पिता से अलग हो गयी। (लूका 3:38, NHT) वह कैसे? दरअसल आदम ने अपनी बगावत से न सिर्फ अपने लिए, बल्कि अपने आनेवाले बच्चों के लिए भी परमेश्‍वर की संतान होने का सम्मान खो दिया। इन सारी बातों का क्या अंजाम हुआ, इस बारे में परमेश्‍वर ने अपने सेवक, मूसा के ज़रिए बताया, “इस प्रजा के लोगों ने . . . भ्रष्ट आचरण किया है, ये अपने दोष के कारण [परमेश्‍वर की] सन्तान नहीं।” (व्यवस्थाविवरण 32:5, NHT) इस “दोष” या पाप करने के स्वभाव ने ही इंसानों को परमेश्‍वर से अलग कर दिया, जो पवित्र है और जिसमें किसी तरह का खोट नहीं। (व्यवस्थाविवरण 32:4, 5; यशायाह 6:3) इस तरह सभी इंसान अनाथ हो गए।—इफिसियों 2:12.

वे किस हद तक परमेश्‍वर के परिवार से अलग हो गए, इस बात पर ज़ोर देते हुए बाइबल बताती है कि वे उसके “बैरी” बन गए। (रोमियों 5:8, 10) परमेश्‍वर से दूर जाकर इंसानों ने शैतान के कठोर शासन के अधीन बहुत तकलीफें झेली हैं। यही नहीं, उन्हें आदम से मिले पाप और असिद्धता के भयानक अंजामों को भी भुगतना पड़ा है। (रोमियों 5:12; 1 यूहन्‍ना 5:19) क्या पापी इंसान परमेश्‍वर के परिवार के सदस्य बन सकते हैं? क्या असिद्ध इंसान सही मायनों में परमेश्‍वर की संतान बन सकते हैं, ठीक जैसे पाप करने से पहले आदम और हव्वा उसकी संतान थे?

उन संतानों को इकट्ठा करना, जो परमेश्‍वर से बिछड़ गयीं

यहोवा ने उससे प्यार करनेवाले असिद्ध इंसानों के लिए एक इंतज़ाम किया। (1 कुरिन्थियों 2:9) इस बारे में प्रेरित पौलुस ने समझाते हुए कहा, “परमेश्‍वर ने मसीह में होकर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उन के अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया।” (2 कुरिन्थियों 5:19) जैसा कि पिछले लेख में हमने पढ़ा, यहोवा ने हमें पाप से छुड़ाने के लिए यीशु मसीह को फिरौती के तौर पर दे दिया। (मत्ती 20:28; यूहन्‍ना 3:16) इस इंतज़ाम का एहसान मानते हुए, प्रेरित यूहन्‍ना ने लिखा, “देखो पिता ने हम से कैसा प्रेम किया है, कि हम परमेश्‍वर की सन्तान कहलाएं।” (1 यूहन्‍ना 3:1) इस तरह आज्ञा माननेवाले इंसानों के लिए एक बार फिर यहोवा के परिवार का सदस्य बनने का रास्ता खुल गया।

परमेश्‍वर के परिवार में इकट्ठा किए जानेवाले सभी इंसान अनोखी एकता का आनंद उठाएँगे। लेकिन गौर कीजिए, बाइबल बताती है कि इन्हें दो समूहों में इकट्ठा किया जा रहा है। हम पढ़ते हैं, “[परमेश्‍वर] ने अपनी इच्छा का भेद उस सुमति के अनुसार हमें बताया जिसे उस ने अपने आप में ठान लिया था। कि समयों के पूरे होने का ऐसा प्रबन्ध हो कि जो कुछ स्वर्ग में है, और जो कुछ पृथ्वी पर है, सब कुछ वह मसीह में एकत्र करे।” (इफिसियों 1:9, 10) परमेश्‍वर ने ऐसा प्रबंध क्यों किया?

यहोवा, जिस तरह अपनी संतानों को दो समूहों में इकट्ठा कर रहा है, उससे दरअसल उसके परिवार में फूट नहीं, बल्कि एकता कायम होती है। इसकी वजह समझना मुश्‍किल नहीं। परमेश्‍वर का परिवार इतना बड़ा है कि उसकी तुलना एक राष्ट्र से की जा सकती है। किसी भी राष्ट्र में मुट्ठी-भर लोगों से सरकार बनती है, ताकि पूरे देश में अमन-चैन हो। बेशक अब तक इंसान की कोई भी सरकार सच्ची शांति नहीं ला पायी है, मगर परमेश्‍वर ने अपने परिवार के लिए एक बेहतरीन सरकार का इंतज़ाम किया है। पहला समूह यानी “जो कुछ स्वर्ग में है,” परमेश्‍वर की उन संतानों से बना है, जिन्हें वह स्वर्ग में अपनी सरकार बनाने के लिए चुनता है। वहाँ से “वे पृथ्वी पर राज्य” करेंगे।—प्रकाशितवाक्य 5:10.

धरती पर परमेश्‍वर की संतान

यहोवा एक दूसरे समूह को यानी “जो कुछ पृथ्वी पर है,” उसे भी इकट्ठा कर रहा है। यह समूह, दुनिया-भर में लाखों लोगों से मिलकर बना है। और उन्हें इसलिए इकट्ठा किया जा रहा है, ताकि वे आगे चलकर धरती पर परमेश्‍वर की संतान बन सकें। एक अच्छे पिता की तरह, यहोवा उन्हें सब लोगों से प्यार करना सिखाता है। इसलिए अलग-अलग देशों से होने के बावजूद उनमें एकता पायी जाती है। यहाँ तक कि यहोवा उन लोगों को भी ‘अपने साथ मेल मिलाप’ करने का बुलावा देता है, जो खूँखार, स्वार्थी, बदचलन और उसकी आज्ञा नहीं मानते हैं।—2 कुरिन्थियों 5:20.

लेकिन उन लोगों का क्या होगा, जो परमेश्‍वर से मेल करने और उसकी संतान बनने के न्यौते को ठुकराते हैं? यहोवा अपने परिवार की शांति और एकता बनाए रखने के लिए ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। उसने ‘भक्‍तिहीन मनुष्यों के न्याय और उनके नाश होने का एक दिन’ ठहराया है। (2 पतरस 3:7) उस वक्‍त वह धरती पर से सारे बागियों का नामो-निशान मिटा डालेगा। वह दिन उसकी आज्ञा माननेवालों के लिए क्या ही राहत और खुशी का दिन होगा!—भजन 37:10, 11.

इसके बाद हज़ार साल का एक दौर चलेगा, जिसमें चारों तरफ अमन-चैन होगा। उस दौरान जो लोग अपने कामों से परमेश्‍वर के प्यार के लिए कदर दिखाएँगे, उन सभी को वक्‍त के गुज़रते सिद्ध ज़िंदगी दी जाएगी, जो आदम ने गँवायी थी। और-तो-और मरे हुओं को भी ज़िंदा किया जाएगा। (यूहन्‍ना 5:28, 29; प्रकाशितवाक्य 20:6; 21:3, 4) इस तरह परमेश्‍वर अपना यह वादा पूरा करेगा, “सृष्टि [यानी इंसान] भी आप ही विनाश के दासत्व से छुटकारा पाकर, परमेश्‍वर की सन्तानों की महिमा की स्वतंत्रता प्राप्त करेगी।”—रोमियों 8:21.

अपने पिता के साथ एक होने के लिए कदम उठाइए

लेख की शुरूआत में बताए गए सेज़ार और कोरिया के हज़ारों लोगों को अपने परिवार के साथ एक होने के लिए कुछ कदम उठाने पड़े थे। कोरिया के लोगों को ‘कोरियन प्रसारण केंद्र’ के चलाए गए कार्यक्रम में शामिल होना पड़ा। और सेज़ार को अपने उन माँ-बाप को छोड़ना पड़ा, जिन्होंने उसे पाला-पोसा था। उसी तरह अगर आप अपने पिता यहोवा से मेल करना चाहते हैं और उसके परिवार का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो आपको भी फौरन कुछ कदम उठाने होंगे। कौन-से कदम?

परमेश्‍वर के करीब आने और उसे अपना पिता मानने के लिए आपको उसके वचन, बाइबल के बारे में सीखना होगा। ऐसा करने से परमेश्‍वर और उसके वादों पर आपका विश्‍वास मज़बूत होगा। आप यह भरोसा करना सीखेंगे कि परमेश्‍वर जो भी कहता है, उसमें आपकी ही भलाई है। परमेश्‍वर के बारे में सीखने के अलावा आपको उसकी ताड़ना और अनुशासन को भी कबूल करना होगा। यह इसलिए ज़रूरी है क्योंकि बाइबल मसीहियों से कहती है, “परमेश्‍वर तुम्हें पुत्र जानकर तुम्हारे साथ बर्ताव करता है, वह कौन सा पुत्र है, जिस की ताड़ना पिता नहीं करता?”—इब्रानियों 12:7.

ये कदम उठाने से आपकी ज़िंदगी की कायापलट हो जाएगी। बाइबल कहती है, “अपने मन के आत्मिक स्वभाव में नये बनते जाओ। और नये मनुष्यत्व को पहिन लो, जो परमेश्‍वर के अनुसार सत्य की धार्मिकता, और पवित्रता में सृजा गया है।” (इफिसियों 4:23, 24) उसके बाद, प्रेरित पतरस की इस सलाह को मानिए, “आज्ञा मानने वाले बच्चों के समान उस समय की बुरी इच्छाओं के अनुसार अपने को मत ढालो जो तुममें पहले थीं, जब तुम अज्ञानी थे।”—1 पतरस 1:14, ईज़ी-टू-रीड वर्शन।

परमेश्‍वर के परिवार का सदस्य बनना

जब सेज़ार अपनी सगी माँ से मिला और उसे पता चला कि उसका एक भाई और बहन भी है, तो उसकी खुशी दुगुनी हो गयी। उसी तरह जब आप अपने पिता यहोवा के करीब आएँगे, तो आपको भी पता चलेगा कि मसीही कलीसिया में आपके कई भाई-बहन हैं। और जब आप उनसे मेल-जोल बढ़ाएँगे, तो आप महसूस करेंगे कि ये भाई-बहन आपके अपनों से भी ज़्यादा प्यारे हैं।—प्रेरितों 28:14, 15; इब्रानियों 10:24, 25.

आपको यह न्यौता दिया जा रहा है कि आप अपने पिता यहोवा और उसके परिवार के साथ एक हो जाएँ। इससे आपको वही खुशी मिलेगी, जो सेज़ार और कोरिया के उन हज़ारों लोगों को मिली थी, जब वे अपने परिवार से एक हुए थे। (w08 3/1)

[पेज 26 पर तसवीर]

उन्‍नीस साल का सेज़ार अपनी माँ के साथ

[पेज 28 पर तसवीरें]

परमेश्‍वर के करीब आने के लिए कदम उठाइए