शेम ने देखी बुराई दो समय के लोगों की
अपने बच्चों को सिखाइए
शेम ने देखी बुराई दो समय के लोगों की
नूह के बेटे शेम ने अपनी आँखों के सामने एक दुनिया को नाश होते देखा। वह उस नाश से बच गया और उसके बाद काफी साल जीया। क्या आप जानते हैं कि उस दुनिया को क्यों नाश किया गया और कैसे शेम और उसका बाकी परिवार उस विनाश से बच पाए?— * आइए इस बारे में जानने की कोशिश करते हैं।
बाइबल कहती है कि जब शेम जवान था, तब धरती पर “मनुष्यों की बुराई” बहुत ज़्यादा बढ़ गयी थी। लोग जो भी सोचते थे, “[हमेशा] बुरा ही सोचते” थे। पता है तब परमेश्वर ने क्या किया?— परमेश्वर पूरी धरती पर बाढ़ लाया, जिसमें वह दुष्ट दुनिया नाश हो गयी। प्रेषित पतरस ने लिखा: “उस वक्त की दुनिया [बाढ़ में] डूबकर नाश हुई।”—उत्पत्ति 6:5; 2 पतरस 3:6.
क्या आप समझे कि परमेश्वर ने उस दुनिया को क्यों नाश किया?— क्योंकि लोग बहुत बुरे हो गए थे और वे ‘हमेशा बुरा ही सोचते थे।’ आगे चलकर यीशु ने उन दिनों के लोगों के बारे में बताया। उसने कहा, “जलप्रलय से पहले के दिनों में” लोग खूब मौज-मस्ती कर रहे थे, वे “खा रहे थे और पी रहे थे।” इसके अलावा, वे ‘शादी-ब्याह कर रहे थे।’ फिर उसने कहा: “जब तक जलप्रलय आकर उन सबको बहा न ले गया, तब तक उन्होंने कोई ध्यान न दिया।”—मत्ती 24:37-39.
वे लोग किस बात पर ध्यान देने से चूक गए?— शेम का पिता, नूह ‘नेकी का प्रचारक’ था। वह लोगों को बताता था कि बचने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए, लेकिन लोगों ने उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। जबकि नूह ने परमेश्वर की बात सुनी और एक पानी का जहाज़ बनाया, जिसमें रहकर वह आनेवाली बाढ़ से अपनी और अपने परिवार की जान बचा सकता था। सिर्फ नूह, उसकी पत्नी और उनके बेटों, शेम, हाम और येपेत और बेटों की पत्नियों ने परमेश्वर की बातों पर ध्यान दिया और वही किया, जो परमेश्वर चाहता था। लेकिन बाकी लोगों ने वही किया, जो वे चाहते थे। इसलिए वे सब बाढ़ में डूबकर नाश हो गए।—2 पतरस 2:5; 1 पतरस 3:20.
बाढ़ का पानी सूखने में करीब एक साल लग गया। तब शेम और उसका परिवार जहाज़ से बाहर निकले और ज़मीन पर रहने लगे। सारे बुरे लोग नाश हो गए थे। मगर जल्द ही हालात फिर बदल गए। शेम के भाई हाम के बेटे कनान ने एक इतना बुरा काम किया कि नूह ने कहा: “कनान शापित हो।” हाम का एक पोता निम्रोद भी बहुत बुरा था। उसने सच्चे परमेश्वर यहोवा की मरज़ी के खिलाफ काम किया। उसने लोगों से कहा कि अपना नाम मशहूर करने के लिए वे एक बहुत ऊँची मीनार बनाएँ। आप क्या सोचते हैं, इससे शेम और उसके पिता नूह को कैसा लगा होगा?—उत्पत्ति 9:25; 10:6-10; 11:4, 5.
उत्पत्ति 11:6-9) लेकिन परमेश्वर ने शेम और उसके परिवार के लोगों की भाषा नहीं बदली। इसलिए वे एक साथ रह सके और साथ मिलकर परमेश्वर की सेवा कर सके। क्या आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि शेम ने कितने साल तक यहोवा की सेवा की होगी?—
उन्हें बहुत बुरा लगा, वे दुखी हुए और यहोवा को भी बहुत दुख हुआ। पता है, तब यहोवा ने क्या किया?— उसने लोगों की भाषा में गड़बड़ी डाल दी। लोग अलग-अलग भाषा बोलने लगे, अब वे एक-दूसरे की बात नहीं समझ पा रहे थे। नतीजा, उन्हें मीनार बनाने का काम रोकना पड़ा। फिर लोग अपनी-अपनी भाषा बोलनेवालों के साथ मिलकर अलग-अलग जगह जाकर रहने लगे। (शेम 600 साल तक जीया। बाढ़ आने के समय वह 98 साल का था, उसके बाद वह 502 साल और जीया। इसमें कोई शक नहीं कि जहाज़ बनाने और आनेवाली बाढ़ के बारे में लोगों को चेतावनी देने में उसने ज़रूर अपने पिता नूह की मदद की होगी। लेकिन बाढ़ के बाद 500 से भी ज़्यादा साल तक शेम ने क्या किया? आपको क्या लगता है?— नूह ने यहोवा को “शेम का परमेश्वर” कहा। इससे साफ पता चलता है कि शेम ज़रूर यहोवा की सेवा में लगा रहा होगा और ऐसा करने में अपने परिवार के लोगों की मदद करता रहा होगा। आगे चलकर शेम के परिवार से ही अब्राहम, सारा और इसहाक हुए।—उत्पत्ति 9:26; 11:10-31; 21:1-3.
अब ज़रा आज की दुनिया के बारे में सोचिए, यह शेम के दिनों की दुनिया से भी बुरी होती जा रही है। इस दुनिया का क्या होगा?— बाइबल कहती है कि यह “मिटती जा रही है।” लेकिन बाइबल के इस वादे पर भी ध्यान दीजिए: “जो परमेश्वर की मरज़ी पूरी करता है वह हमेशा तक कायम रहेगा।” इसलिए अगर हम परमेश्वर की मरज़ी पूरी करें, तो हम इस दुनिया के विनाश से बचकर परमेश्वर की नयी दुनिया में रह पाएँगे। फिर परमेश्वर की मदद से हम इस धरती पर खुशी-खुशी, हमेशा तक जीएँगे।—1 यूहन्ना 2:17; भजन 37:29; यशायाह 65:17. (w09-E 10/01)
[फुटनोट]
^ अगर आप बच्चों को यह लेख पढ़कर सुना रहे हैं, तो सवाल के बाद जहाँ डैश है, वहाँ थोड़ी देर रुकिए और उन्हें जवाब देने के लिए कहिए।
सवाल:
❍ शेम पहले जिस दुनिया में रहता था, वह कैसी थी? परमेश्वर ने किन दो वजहों से उस दुनिया को नाश किया?
❍ शेम कितने साल तक जीया और वह कैसा इंसान था?
❍ जल्द ही इस दुनिया का क्या होगा?
❍ अगर हम इस दुनिया के विनाश से बचना चाहते हैं, तो हमें क्या करना चाहिए?