आमोस 6:1-14
6 “सिय्योन के उन लोगों का बहुत बुरा होगाजिन्हें खुद पर बहुत भरोसा है,*जो सोचते हैं कि सामरिया के पहाड़ पर वे सुरक्षित हैं,+जो सबसे बड़े राष्ट्र के खास लोग हैं,जिनके पास इसराएल का घराना आता है!
2 कलने नगर जाओ और देखो।
वहाँ से महानगर हमात+ जाओऔर नीचे पलिश्तियों के गत शहर जाओ।
क्या वे इन राज्यों* से बेहतर हैं?
क्या उनका इलाका तुम्हारे इलाके से बड़ा है?
3 क्या तुमने विपत्ति के दिन को अपने दिमाग से निकाल दिया है+और क्या तुम खून-खराबे का राज* ला रहे हो?+
4 वे हाथी-दाँत के पलंगों पर सोते हैं+ और दीवानों पर पैर फैलाए रहते हैं,+झुंड के मेढ़े और मोटे किए बछड़े* खाते हैं,+
5 सुरमंडल* की धुन पर गीत रचते हैं,+दाविद की तरह नए-नए साज़ बनाते हैं,+
6 बड़े-बड़े प्यालों में दाख-मदिरा पीते हैं,+खुद पर बढ़िया-से-बढ़िया तेल मलते हैं।
मगर यूसुफ के विनाश की उन्हें कोई फिक्र नहीं।+
7 इसलिए सबसे पहले उन्हें बंदी बनाकर ले जाया जाएगा+और रंगरलियों के दिन खत्म हो जाएँगे।
8 सेनाओं का परमेश्वर यहोवा ऐलान करता है,‘सारे जहान के मालिक यहोवा ने अपने जीवन की शपथ खाकर कहा है,+“मैं याकूब के घमंड से घिन करता हूँ,+उसकी किलेबंद मीनारों से नफरत करता हूँ,+शहर और उसमें जो भरा हुआ है, सब मैं दुश्मनों के हवाले कर दूँगा।+
9 अगर एक घर में दस आदमी बच जाएँ तो वे भी मर जाएँगे।
10 एक रिश्तेदार* आएगा ताकि उनकी लाशें बाहर ले जाए और एक-एक करके उन्हें जला दे। वह घर से उनकी हड्डियाँ निकालेगा और फिर घर के भीतरी कमरों में जो कोई है उससे कहेगा, ‘क्या तेरे साथ और कोई है?’ और वह कहेगा, ‘कोई नहीं है!’ तब वह रिश्तेदार कहेगा, ‘चुप रहो! क्योंकि यह समय यहोवा का नाम लेने का नहीं है।’”
11 क्योंकि यहोवा की ही आज्ञा पर+बड़े घर को मलबे का ढेर बना दिया जाएगाऔर छोटे घर को खंडहर।+
12 क्या घोड़े चट्टान पर दौड़ते हैं?
क्या वहाँ कोई बैलों से जुताई करेगा?
तुमने न्याय को ज़हरीला पौधा बना दिया है,नेकी के फल को नागदौना* बना दिया है।+
13 तुम बेकार की बातों पर खुश होते होऔर कहते हो, “क्या हम अपने दम पर ताकतवर नहीं बने?”+
14 इसलिए हे इसराएल के घराने, मैं तेरे खिलाफ एक राष्ट्र खड़ा करूँगा+और वह लेबो-हमात*+ से अराबा की घाटी* तक तुझ पर ज़ुल्म ढाएगा।’ सेनाओं के परमेश्वर यहोवा का यह ऐलान है।”
कई फुटनोट
^ या “जो बेफिक्र रहते हैं।”
^ ज़ाहिर है कि यहाँ यहूदा और इसराएल राज्यों की बात की गयी है।
^ शा., “की गद्दी।”
^ या “बैल।”
^ या “तारोंवाले बाजे।”
^ शा., “उसके पिता का भाई।”
^ या “कड़वा।”
^ या “हमात के प्रवेश।”