भजन 110:1-7
दाविद का सुरीला गीत।
110 यहोवा ने मेरे प्रभु से कहा,
“तू तब तक मेरे दाएँ हाथ बैठ,+जब तक कि मैं तेरे दुश्मनों को तेरे पाँवों की चौकी न बना दूँ।”+
2 यहोवा तेरी ताकत का राजदंड सिय्योन से बढ़ाएगा
और कहेगा, “अपने दुश्मनों के बीच जा, उन पर जीत हासिल करता जा।”+
3 जिस दिन तू अपनी सेना को लेकर युद्ध में जाएगा,*उस दिन तेरे लोग अपनी इच्छा से खुद को पेश करेंगे।
तेरे साथ तेरे जवानों का दल होगा,जिसमें पवित्रता का तेज चमकता है।
वे ओस की बूँदों के समान हैं,जो भोर के गर्भ से पैदा होती हैं।
4 यहोवा ने शपथ खाकर यह वादा किया है और जो उसने सोचा है उसे नहीं बदलेगा,*
“तू मेल्कीसेदेक जैसा याजक हैऔर तू हमेशा-हमेशा के लिए याजक रहेगा!”+
5 यहोवा तेरे दाएँ हाथ होगा,+वह अपने क्रोध के दिन राजाओं को कुचल देगा।+
6 वह राष्ट्रों का न्याय करके उन्हें सज़ा देगा,+देश को लाशों से भर देगा।+
एक विशाल देश* के प्रधान को कुचल देगा।
7 वह* रास्ते के किनारे बहती धारा से पानी पीएगा,
इसलिए वह अपना सिर ऊँचा उठाएगा।
कई फुटनोट
^ या “जिस दिन तेरी सेना तैयार होती है।”
^ या “उसे पछतावा महसूस नहीं होगा।”
^ या “पूरी धरती।”
^ यह वही है जिसे आय. 1 में ‘मेरा प्रभु’ बताया गया है।