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सवाल 18

आप परमेश्‍वर के दोस्त कैसे बन सकते हैं?

“हे प्रार्थना के सुननेवाले, सब किस्म के लोग तेरे पास आएँगे।”

भजन 65:2

“तू अपनी समझ का सहारा न लेना, बल्कि पूरे दिल से यहोवा पर भरोसा रखना, उसी को ध्यान में रखकर सब काम करना, तब वह तुझे सही राह दिखाएगा।”

नीतिवचन 3:5, 6

“हमेशा की ज़िंदगी पाने के लिए ज़रूरी है कि वे तुझ एकमात्र सच्चे परमेश्‍वर को और यीशु मसीह को जिसे तूने भेजा है, जानें।”

यूहन्‍ना 17:3

‘सच तो यह है कि परमेश्‍वर हममें से किसी से भी दूर नहीं है।’

प्रेषितों 17:27

“मैं यही प्रार्थना करता रहता हूँ कि सही ज्ञान और पैनी समझ के साथ तुम्हारा प्यार और भी बढ़ता जाए।”

फिलिप्पियों 1:9

“अगर तुममें से किसी को बुद्धि की कमी हो तो वह परमेश्‍वर से माँगता रहे और वह उसे दी जाएगी, क्योंकि परमेश्‍वर सबको उदारता से और बिना डाँटे-फटकारे देता है।”

याकूब 1:5

“परमेश्‍वर के करीब आओ और वह तुम्हारे करीब आएगा। अरे पापियो, अपने हाथ धोओ, अरे शक करनेवालो, अपने दिलों को शुद्ध करो।”

याकूब 4:8

“परमेश्‍वर से प्यार करने का मतलब यही है कि हम उसकी आज्ञाओं पर चलें और उसकी आज्ञाएँ हम पर बोझ नहीं हैं।”

1 यूहन्‍ना 5:3