नौजवानों के सवाल
मैं एक अच्छा आदर्श कैसे चुन सकता हूँ?
“स्कूल में जब भी मुझे कोई परेशानी होती है, मैं उस इंसान को याद करती हूँ जिसे मैं बहुत मानती हूँ और जो मेरी जैसी परेशानियों से गुज़रा है। फिर मैं उसकी तरह परेशानी का सामना करने की कोशिश करती हूँ। सच, एक अच्छा आदर्श होने से मुश्किल हालात का सामना करना आसान हो जाता है।“—हेली।
जी हाँ, एक आदर्श व्यक्ति आपको समस्याओं से बचने और अपने लक्ष्यों तक पहुँचने में मदद दे सकता है। लेकिन ज़रूरी है कि आप सही व्यक्ति को अपना आदर्श चुनें।
सोच-समझकर क्यों चुनें?
एक आदर्श का आपके व्यवहार पर असर होता है।
बाइबल मसीहियों को बढ़ावा देती है कि वे उन लोगों पर ध्यान दें जो अच्छी मिसाल हैं। यह कहती है, “उनके चालचलन के अच्छे नतीजों पर गौर करते हुए उनके विश्वास की मिसाल पर चलो।”—इब्रानियों 13:7.
इसे आज़माइए: एक आदर्श का आप पर या तो अच्छा असर हो सकता है या बुरा। इसलिए बस यह देखकर किसी को आदर्श मत चुनिए कि वह बहुत मशहूर है या आपकी उम्र का है। इसके बजाय ऐसा व्यक्ति चुनिए जिसमें अच्छे गुण हों।
“मैंने एक मसीही भाई ऐदम के रवैए और व्यवहार से बहुत कुछ सीखा है। हैरानी की बात है कि आज भी मुझे उनकी कही कुछ बातें और उनके कुछ काम याद हैं। उन्हें बिलकुल अंदाज़ा नहीं है कि उन्होंने मुझ पर गहरी छाप छोड़ी है।“—कोलन।
एक आदर्श का आपकी सोच और भावनाओं पर असर होता है।
बाइबल बताती है, “धोखा न खाओ। बुरी संगति अच्छी आदतें बिगाड़ देती है।”—1 कुरिंथियों 15:33.
इसे आज़माइए: सिर्फ खूबसूरती देखकर नहीं बल्कि अच्छे गुण देखकर किसी को अपना आदर्श चुनिए, वरना आपको निराश हाथ लग सकती है।
“अगर हम हरदम खुद की तुलना जाने-माने, सुंदर लोगों से करते रहें तो हम हमेशा छोटा और बदसूरत महसूस करेंगे। फिर हम पर अपनी सुंदरता निखारने का जुनून सवार हो जाएगा।।“—टैमरा।
ज़रा सोचिए: फिल्म जगत या खेल-कूद की दुनिया के किसी सितारे को अपना आदर्श चुनने के क्या खतरे हैं?
आपका आदर्श कौन है, इससे तय होगा कि आप अपने लक्ष्यों तक पहुँचेंगे या नहीं।
बाइबल बताती है, “बुद्धिमानों के साथ रहनेवाला बुद्धिमान बनेगा।”—नीतिवचन 13:20.
इसे आज़माइए: एक ऐसे व्यक्ति को अपना आदर्श चुनिए जिनके गुण आप अपने अंदर बढ़ाना चाहते हैं। अगर आप उन पर ध्यान देंगे तो आप कुछ ऐसे तरीके सीखेंगे जिनसे आप अपने लक्ष्य तक पहुँच पाएँगे।
“ऐसा ही कोई लक्ष्य मत रख लीजिए कि ‘मैं और भी ज़िम्मेदार इंसान बनना चाहता हूँ।’ इसके बजाय, साफ लक्ष्य रखिए। जैसे, ‘मैं जेन की तरह ज़िम्मेदार बनना चाहती हूँ। वह वक्त की बड़ी पाबंद है और उसे जो भी काम दिया जाता है उसे पूरी गंभीरता के साथ करती है।’”—मिरियम।
सौ बात की एक बात: जब आप एक सही व्यक्ति को अपना आदर्श चुनेंगे तो आप तय कर रहे होंगे कि आप कैसे इंसान बनेंगे।
कैसे चुनें?
आप नीचे बताए किसी भी एक तरीके से आदर्श चुन सकते हैं।
एक ऐसा गुण चुनिए जो आप अपने अंदर बढ़ाना चाहते हैं। फिर ऐसा व्यक्ति चुनिए जिसे आप बहुत मानते हैं और जिसमें वह गुण है।
ऐसा व्यक्ति चुनिए जिसे आप बहुत मानते हैं। फिर उसमें जो गुण हैं उनमें से एक चुनिए जो आप अपने अंदर बढ़ाना चाहते हैं।
इस लेख के साथ दिए अभ्यास से आपको मदद मिल सकती है।
आप इन लोगों में से अपना आदर्श चुन सकते हैं:
हमउम्र साथी: “मैं अपनी सबसे अच्छी दोस्त की तरह बनना चाहती हूँ। दूसरों की मदद करने के लिए उसके पास हमेशा वक्त होता है। वह मुझसे छोटी है, पर उसमें ऐसे बढ़िया गुण हैं जो मुझमें नहीं हैं। इसलिए मैं उसकी मिसाल पर चलना चाहती हूँ।“—मिरियम।
बड़े-बुज़ुर्ग: इनमें आपके मम्मी-पापा और संगी मसीही हो सकते हैं। “इसमें कोई शक नहीं कि मेरे मम्मी-पापा मेरे लिए आदर्श हैं। उनमें बहुत बढ़िया गुण हैं। उनमें कमियाँ हैं, फिर भी वे वफादारी से परमेश्वर की सेवा करते हैं। मुझे उम्मीद है कि जब मैं उनकी उम्र की हो जाऊँगी तो मेरे बारे में भी यही कहा जाएगा।“—ऐनेट।
बाइबल के किरदार: “मैंने बाइबल के कई किरदारों को अपना आदर्श चुना है, जैसे तीमुथियुस, रूत, अय्यूब, पतरस और छोटी इसराएली लड़की। हरेक को चुनने की एक खास वजह रही है। इन किरदारों के बारे में मैं जितना ज़्यादा सीखती हूँ उतना ज़्यादा वे मेरे लिए असल हो जाते हैं। उनके विश्वास की मिसाल पर चलिए किताब में दी उनकी कहानी पढ़कर मुझे बड़ा मज़ा आता है। इसके अलावा, नौजवानों के सवाल (अँग्रेज़ी) किताब के दोनों खंडों में दी ‘आदर्शों की सूची‘ में दिए उदाहरण पढ़कर भी मुझे बहुत अच्छा लगता है।“—मैलिंडा।
इसे आज़माइए: सिर्फ एक ही व्यक्ति को अपना आदर्श मत चुनिए। यीशु मसीह के एक शिष्य पौलुस ने दूसरे मसीहियों से कहा, “तुम . . . उन पर गौर करते रहो जो उस मिसाल के मुताबिक चलते हैं जो हमने तुम्हारे लिए रखी है।”—फिलिप्पियों 3:17.
क्या आप जानते हैं? आप भी किसी के आदर्श बन सकते हैं! बाइबल बताती है, “बोलने में, चालचलन में, प्यार में, विश्वास में और शुद्ध चरित्र बनाए रखने में विश्वासयोग्य लोगों के लिए एक मिसाल बन जा।”—1 तीमुथियुस 4:12.
“आप शायद खुद में अच्छे गुण बढ़ाने की कोशिश कर रहे होंगे, मगर इस दौरान भी आप दूसरों की मदद कर सकते हैं। भले ही आपको एहसास न हो, पर दूसरे आपको देख रहे हैं और आप जो कहते हैं उससे उनकी ज़िंदगी बदल सकती है।“—कियाना।