नौजवानों के सवाल
मैं अच्छी नींद कैसे ले सकता हूँ?
अगर आप मैथ्स में कमज़ोर हैं या खेलते वक्त बहुत जल्दी थक जाते हैं, तो आपको शायद लगे कि आपको और भी मेहनत करनी चाहिए। लेकिन हो सकता है आपको भरपूर नींद लेने की ज़्यादा ज़रूरत है। ऐसा क्यों?
आपको अच्छी नींद क्यों लेनी चाहिए?
जानकारों का कहना है कि नौजवानों को आम तौर पर आठ से दस घंटे की नींद लेनी चाहिए। आपके लिए अच्छी नींद लेना क्यों इतना ज़रूरी है?
अच्छी नींद लेने से आपका दिमाग तेज़ होगा। खाने की तरह नींद भी हमारे लिए ज़रूरी है। इससे हमें स्कूल में, खेल-कूद में और समस्याएँ सुलझाने में मदद मिलती है।
अच्छी नींद लेने से आपका मूड ठीक रहेगा। जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती, वे अकसर चिड़चिड़े या उदास हो जाते हैं। उन्हें दूसरों से मिलना और बातें करना अच्छा नहीं लगता।
अच्छी नींद लेने से आप ध्यान से गाड़ी चला पाएँगे। अमरीका में ऐसे लोगों का एक सर्वे किया गया जिनका गाड़ी चलाते वक्त आँख लगने की वजह से ऐक्सिडेंट हो गया था। इस सर्वे के आधार पर जानकारों का कहना है कि 40 से 59 साल के लोगों के मुकाबले 16 से 24 साल के नौजवानों की सड़क दुर्घटना होने की संभावना दुगनी होती है।
अच्छी नींद लेने से आपकी सेहत बेहतर होगी। भरपूर नींद लेने से हमारे शरीर की कोशिकाएँ, माँस-पेशियाँ और खून की नलियाँ अच्छी तरह से काम करती हैं। इससे हम मोटापे, शुगर की बीमारी (डायबिटीज़) और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों के शिकार होने से बच सकते हैं।
आप अच्छी नींद क्यों नहीं ले पाते हैं?
अच्छी नींद लेने के बहुत- से फायदे हैं। फिर भी, कुछ नौजवान उतनी नींद नहीं ले पाते जितनी उन्हें लेनी चाहिए। उदाहरण के लिए, 16 साल की इलेन कहती है,
“जब मेरी टीचर ने सब बच्चों से पूछा कि वे कितने बजे सोते हैं, तो ज़्यादातर बच्चों ने कहा सुबह 2 बजे और कुछ ने कहा सुबह 5 बजे। सिर्फ एक बच्चे ने ही कहा रात के साढ़े 9 बजे।”
किन वजहों से आपकी नींद में रुकावट आ सकती है?
यार-दोस्त। “जब भी मैं रात को अपने दोस्तों के साथ कहीं बाहर जाती हूँ, तो फालतू के कामों में वक्त कैसे निकल जाता है, पता ही नहीं चलता।”—पामेला।
ज़िम्मेदारियाँ। “मुझे सोना पसंद है। लेकिन काम इतने होते हैं कि मेरी नींद पूरी नहीं हो पाती।”—ऐना।
फोन, टैबलैट वगैरह। “रात में फोन से दूर रहना बहुत मुश्किल होता है और इसलिए मैं समय पर सो नहीं पाती।”—अनीसा।
आप अच्छी नींद कैसे ले सकते हैं?
खुद से पूछिए, मैं हर दिन कितनी देर सोता हूँ? पवित्र शास्त्र बाइबल में लिखा है, “थोड़ा-सा आराम करना, बहुत ज़्यादा काम करने और हवा के पीछे भागने से कहीं अच्छा है।” (सभोपदेशक 4:6) आपको रोज़ अच्छी नींद लेनी चाहिए, न कि कभी-कभार। इससे आप अपना काम ठीक से कर पाएँगे और खुलकर मज़े भी कर पाएँगे।
पता लगाइए, आप क्यों भरपूर नींद नहीं ले पाते हैं। सोचिए, क्या आप देर रात तक दोस्तों के साथ बाहर रहते हैं? क्या आपको ढेर सारा होमवर्क और काम करना पड़ता है? क्या आपका फोन आपको सोने नहीं देता या अगर आप सो जाएँ तो आपको उठा देता है?
ज़रा सोचिए। अपनी रुकावटें पार करने के लिए आपको थोड़ी मेहनत तो करनी होगी, पर इसके अच्छे नतीजे मिलेंगे। पवित्र शास्त्र में लिखा है, “मेहनती की योजनाएँ ज़रूर सफल होंगी।”—नीतिवचन 21:5.
ज़रूरी नहीं कि जो तरीका दूसरों के काम आए, उससे आपको भी फायदा हो। उदाहरण के लिए, कुछ लोगों को दिन में थोड़ी देर सोने से रात में अच्छी नींद आती है। वहीं कुछ लोगों पर इसका बिलकुल उल्टा असर होता है। पता लगाइए कि आपके लिए क्या अच्छा है। नीचे दिए सुझाव आपकी मदद कर सकते हैं:
सोने के समय से कुछ देर पहले काम बंद कर दीजिए। अगर आप सोने के समय से पहले कुछ फुरसत के पल बिताएँ, तो आप जल्दी सो पाएँगे।
“समय पर अपना काम और ज़िम्मेदारियाँ पूरी कीजिए ताकि आपको देर रात तक जागना न पड़े और आप सही वक्त पर सो पाएँ।”—मारिया।
अभी से बदलाव कीजिए। ऐसा शेड्यूल बनाइए जिससे आप अपने सारे काम समय पर खत्म कर पाएँ और भरपूर नींद भी ले पाएँ।
“मुझे कम-से-कम आठ घंटे सोना चाहिए। इसलिए जब कभी मुझे जल्दी उठना होता है, तो मैं जल्दी सो जाता हूँ ताकि पूरी नींद ले सकूँ।”—विन्सेंट।
अच्छी आदत डालिए। आपका शरीर वैसे ही काम करता है जैसी आप उसे आदत डालते हैं। जानकार कहते हैं कि हमें हर दिन एक ही समय पर सोना चाहिए और एक ही समय पर उठना चाहिए। एक महीने तक ऐसा कीजिए, आपको अच्छा लगेगा।
“अगर आप एक ही समय पर सोएँगे, तो अगले दिन आप तरो-ताज़ा महसूस करेंगे और अपने सारे काम बेहतर तरीके से कर पाएँगे।”—जैरड।
सोच-समझकर समय का इस्तेमाल कीजिए। बाइबल कहती है कि हमें “हर बात में संयम” रखना चाहिए, अपने खाली समय में भी।—1 तीमुथियुस 3:2, 11.
“मैंने शाम को दोस्तों के साथ घूमना-फिरना कम कर दिया है। अगर मैं ऐसा न करती तो इसका सीधा असर मेरी नींद पर पड़ता।”—रिबेका।
अपने फोन को भी “सोने” दीजिए। सोने से कम-से-कम एक घंटे पहले न तो इंटरनेट चलाइए और न ही अपने दोस्तों को मैसेज भेजिए। कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक फोन, टीवी और टैबलेट जैसे उपकरणों से निकलनेवाली रौशनी हमें सोने से रोकती है।
“लोग चाहते हैं कि आप चौबीसों घंटे फोन पर लगे रहें, जब भी वे बात करना चाहें, आप उन्हें तुरंत जवाब दें। लेकिन अगर आप चाहतें हैं कि आपको अच्छी तरह आराम मिले तो आपको कुछ वक्त के लिए अपना फोन खुद से दूर रखना होगा।”—जुलिसा।